
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
1. प्रस्तावना
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस भारत का एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय दिवस है, जिसे हर वर्ष 11 नवम्बर को मनाया जाता है। यह दिन स्वतंत्र भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आज़ाद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके महान योगदान को याद करने तथा शिक्षा के महत्व को समाज तक पहुँचाने के उद्देश्य से यह दिवस अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है।
2. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस की पृष्ठभूमि
भारत सरकार ने वर्ष 2008 में 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस घोषित किया। मौलाना आज़ाद ने शिक्षा को देश की प्रगति का बुनियादी आधार माना और स्वतंत्रता के बाद शिक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने सार्वभौमिक, मुक्त और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर जोर दिया।
3. मौलाना अबुल कलाम आज़ाद का योगदान
मौलाना आज़ाद ने शिक्षा को वैज्ञानिक, आधुनिक और शोध-आधारित बनाने पर विशेष बल दिया। उनके नेतृत्व में उच्च शिक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण संस्थानों की नींव रखी गई।
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IITs की स्थापना की अवधारणा
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UGC (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) की मजबूती
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राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली को नई दिशा
उनका मानना था कि प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का समान अवसर मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से आता हो।
4. शिक्षा का महत्व
शिक्षा किसी राष्ट्र की प्रगति का मूल स्तंभ है। यह व्यक्ति के ज्ञान, कौशल, चिंतन क्षमता और व्यक्तित्व का विकास करती है।
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शिक्षा व्यक्ति को आत्मनिर्भर बनाती है।
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सामाजिक समानता को बढ़ावा देती है।
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वैज्ञानिक एवं तार्किक सोच विकसित करती है।
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राष्ट्रीय विकास के लिए योग्य नागरिक तैयार करती है।
शिक्षा का उद्देश्य केवल परीक्षा उत्तीर्ण करना नहीं, बल्कि समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाना है।
5. राष्ट्रीय शिक्षा दिवस का उद्देश्य
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य समाज में शिक्षा के महत्व को फैलाना और सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देना है। यह दिन हमें मौलाना आज़ाद के शिक्षा दर्शन को अपनाने और शिक्षा को व्यापक बनाने का संदेश देता है।
6. दिवस पर आयोजित कार्यक्रम
देशभर के विद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं—
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निबंध और भाषण प्रतियोगिताएँ
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शिक्षा प्रदर्शनी और विज्ञान मॉडल
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रैलियाँ और जागरूकता अभियान
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पुस्तक मेले और पठन गतिविधियाँ
इन कार्यक्रमों का उद्देश्य विद्यार्थियों में रचनात्मकता, अनुशासन, जिज्ञासा और ज्ञान के प्रति सम्मान विकसित करना है।
7. वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व
आज का युग तकनीक और वैश्विक प्रतिस्पर्धा का युग है। डिजिटल शिक्षा, कौशल आधारित शिक्षा, ऑनलाइन सीखने के साधन और नई शिक्षा नीति (NEP 2020) शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और सक्षम बना रहे हैं। आज शिक्षा ही वह साधन है, जो युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुख बनाती है।
8. निष्कर्ष
राष्ट्रीय शिक्षा दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा केवल व्यक्तिगत विकास का मार्ग नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की सबसे महत्वपूर्ण शक्ति है। मौलाना अबुल कलाम आज़ाद के आदर्शों और शिक्षा दर्शन से प्रेरणा लेकर हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि देश का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
यह दिवस एक शिक्षित, सशक्त और उज्ज्वल भारत के निर्माण का दृढ़ संकल्प लेने का अवसर है।

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