Wednesday, August 6, 2025

हिरोशिमा दिवस और नागासाकी दिवस 2025


 हिरोशिमा दिवस और नागासाकी दिवस

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हिरोशिमा दिवस और नागासाकी दिवस


हिरोशिमा दिवस (6 अगस्त) और नागासाकी दिवस (9 अगस्त) विश्वभर में उन परमाणु बम हमलों की याद में मनाए जाते हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1945 में जापान पर हुए थे। ये दिन परमाणु युद्ध के विनाशकारी परिणामों और शांति एवं निरस्त्रीकरण की आवश्यकता के गंभीर प्रतीक हैं।

6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने लिटिल बॉय नामक पहला परमाणु बम जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराया। इस विस्फोट में लगभग 70,000–80,000 लोग तुरंत मारे गए और हज़ारों लोग बाद में जलने, विकिरण बीमारी और चोटों से मरे। शहर की लगभग 70% इमारतें नष्ट हो गईं।

इसके केवल तीन दिन बाद, 9 अगस्त 1945 को फैट मैन नामक दूसरा बम नागासाकी पर गिराया गया। इसमें लगभग 40,000 लोग तुरंत मारे गए और वर्ष के अंत तक मृतकों की संख्या करीब 70,000 हो गई। नागासाकी का पहाड़ी भूभाग विनाश को कुछ हद तक कम कर सका, लेकिन पीड़ा और त्रासदी उतनी ही गंभीर थी।

इन बम हमलों के बाद जापान ने 15 अगस्त 1945 को बिना शर्त आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध का अंत हो गया। लेकिन इसके साथ ही परमाणु युग की शुरुआत हुई, जिसने हथियारों की दौड़ और दशकों तक शीत युद्ध को जन्म दिया।

आज, हिरोशिमा और नागासाकी दिवस केवल पीड़ितों के शोक के लिए ही नहीं, बल्कि परमाणु निरस्त्रीकरण, शांति शिक्षा और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भी मनाए जाते हैं। दोनों शहरों में कार्यक्रम आयोजित होते हैं, जिनमें मौन, कबूतर छोड़ना और जीवित बचे हिबाकुशा (पीड़ित) के भाषण शामिल होते हैं। इसका उद्देश्य आने वाली पीढ़ियों को परमाणु हथियारों की मानवीय कीमत से अवगत कराना और ऐसी त्रासदियों को रोकना है।

ये दिवस हमें याद दिलाते हैं कि शांति और संवाद ही युद्ध की भयावहता से बचने के सबसे मजबूत उपाय हैं, और हिरोशिमा व नागासाकी के सबक कभी नहीं भूलने चाहिए।



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