भूमिका
भारत विविधताओं का देश है, जहाँ अनेक भाषाएँ, संस्कृतियाँ, परंपराएँ और जीवन-शैलियाँ विद्यमान हैं। इसी विविधता को एकता के सूत्र में बाँधने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। इसी कार्यक्रम के अंतर्गत भाषा संगम एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसे केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) द्वारा सम्पूर्ण देश में सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
भाषा संगम का उद्देश्य विद्यार्थियों को भारत की विभिन्न भाषाओं से परिचित कराना और उनमें भाषाई सद्भाव, सांस्कृतिक समझ और राष्ट्रीय एकता की भावना विकसित करना है।
भाषा संगम के उद्देश्य
भाषा संगम के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
-
छात्रों में सभी भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान की भावना विकसित करना।
-
राष्ट्रीय एकता और अखंडता को मजबूत करना।
-
विद्यार्थियों को अन्य राज्यों की भाषाओं के मूल शब्दों से परिचित कराना।
-
सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना।
-
बहुभाषी क्षमता और आत्मविश्वास का विकास करना।
-
छात्रों को रोचक और गतिविधि-आधारित शिक्षा प्रदान करना।
केंद्रीय विद्यालयों में भाषा संगम का कार्यान्वयन
केंद्रीय विद्यालय संगठन हर वर्ष एक निश्चित अवधि में भाषा संगम कार्यक्रम आयोजित करता है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय को एक राज्य के साथ जोड़ा जाता है। इसके माध्यम से छात्र उस राज्य की:
-
भाषा
-
संस्कृति
-
खान-पान
-
वेश-भूषा
-
त्योहार
-
लोकनृत्य
-
इतिहास और भूगोल
के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। यह कार्यक्रम कक्षा 1 से 12 तक के छात्रों के लिए आयोजित किया जाता है।
भाषा संगम के अंतर्गत आयोजित प्रमुख गतिविधियाँ
1. दैनिक भाषा शिक्षण
छात्रों को प्रतिदिन निम्नलिखित सिखाया जाता है:
-
अभिवादन
-
संख्याएँ
-
रंगों के नाम
-
फल-सब्जियों के नाम
-
सामान्य वाक्य
ये सभी शब्द कक्षा की दीवारों, नोटिस बोर्ड तथा भाषा कोनों में प्रदर्शित किए जाते हैं।
2. प्रार्थना सभा में गतिविधियाँ
-
अन्य राज्य की भाषा में प्रार्थना
-
उस राज्य पर आधारित भाषण
-
एक नया शब्द और उसका अर्थ
-
सांस्कृतिक जानकारी
3. सांस्कृतिक कार्यक्रम
-
लोकनृत्य प्रस्तुति
-
पारंपरिक गीत
-
पारंपरिक परिधान प्रदर्शन
-
क्षेत्रीय भाषा में नाटक
4. प्रदर्शनी एवं दृश्य सामग्री
-
लिपियों और वर्णमालाओं के चार्ट
-
मानचित्र प्रदर्शन
-
पारंपरिक भोजन की जानकारी
-
प्रसिद्ध व्यक्तित्वों पर पोस्टर
5. डिजिटल एवं ऑनलाइन गतिविधियाँ
-
ऑडियो-वीडियो प्रस्तुति
-
ऑनलाइन प्रश्नोत्तरी
-
पीपीटी प्रस्तुतीकरण
-
वर्चुअल संवाद कार्यक्रम
6. प्रतियोगिताएँ
-
पोस्टर निर्माण
-
निबंध लेखन
-
नारा लेखन
-
कविता लेखन
विषय: “एकता में विविधता”
शिक्षकों और छात्रों की भूमिका
शिक्षकों की भूमिका
-
भाषा का सही उच्चारण सिखाना
-
गतिविधियों का आयोजन करना
-
ICT का प्रयोग करना
-
छात्रों को प्रेरित करना
-
शिक्षण सामग्री तैयार करना
छात्रों की भूमिका
-
सक्रिय भागीदारी
-
नई भाषा सीखने का प्रयास
-
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहभागिता
-
सभी भाषाओं का सम्मान
-
जिज्ञासा और आत्मविश्वास का विकास
भाषा संगम का शैक्षिक महत्व
भाषा संगम छात्रों में:
-
राष्ट्रीय एकता की भावना
-
बहुभाषीय ज्ञान
-
सांस्कृतिक जागरूकता
-
सकारात्मक सोच
-
संचार कौशल
को विकसित करता है। यह कार्यक्रम नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के उद्देश्यों को भी साकार करता है।
छात्रों पर भाषा संगम का प्रभाव
भाषा संगम के माध्यम से छात्र:
-
अधिक आत्मविश्वासी बनते हैं
-
भारत की सांस्कृतिक विविधता को समझते हैं
-
सभी भाषाओं और संस्कृतियों का सम्मान करना सीखते हैं
-
उनका व्यक्तित्व विकास होता है
-
वे एक जिम्मेदार नागरिक बनते हैं
उपसंहार
भाषा संगम केवल एक भाषा-शिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रीय एकता और सामाजिक समरसता का सशक्त माध्यम है। केंद्रीय विद्यालय संगठन द्वारा इस कार्यक्रम का सफल संचालन यह सिद्ध करता है कि हमारे छात्र भारत की विविधता को समझते हुए एक मजबूत राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। वास्तव में, भाषा संगम “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” की भावना को साकार करता है।



No comments:
Post a Comment